यमुनानगर. बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के प्रमुख केंद्रों में से एक टोपरा कलां में शनिवार को अशोक चक्र स्थापित किया गया। दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा अशोक चक्र है। कैबिनेट मंत्री कविता जैन, राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा व रादौर विधायक श्याम सिंह राणा ने अन्य लोगों के साथ इसका अनावरण किया।
इस चक्र की डाया (परिधि) तीस फीट की है और वजन करीब छह टन का है। गोल्डन कलर से पेंट कर नार्थ-साउथ मेग्नेटिक फील्ड ग्रेविटी के हिसाब से स्थापित किया गया। बताया गया कि अशोक चक्र को लिम्का बुक ऑफ रिकाॅर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया गया है।
30 फीट ऊंचे अशोक चक्र को 8 फीट ऊंचे प्लेटफाॅर्म पर स्थापित किया गया है। इसके लिए विशेष हाइड्रोलिक क्रेन मंगवाई गई थी। इससे पहले उत्तरप्रदेश के श्रावस्ती में थाई बुद्धिस्ट मंदिर में 5 साल पहले 5 फीट ऊंचा पत्थर का अशोक चक्र लगा था। यह थाईलैंड की महारानी ने बनवाया था। यमुनानगर में अशोक चक्र ‘द बुद्धिष्ट’ फोरम संस्था ने बनवाया है। डिजाइन से लेकर इसको जोड़ने का काम स्थानीय इंजीनियर अनिल कुमार की देखरेख में हुआ।
चक्र की खासियतें :
- 6 टन लोहे से एक साल में बना
- 45 लाख रु. खर्च आया।
- लिम्का बुक ऑफ रिकाॅर्ड में दर्ज कराने की तैयारी
- 6 टन यानी 6 हजार किलो लोहे का बना है। रोहतक के गढ़ी सांपला में लगी प्रदेश की सबसे ऊंची दीनबंधू छोटूराम की प्रतिमा का वजन साढ़े 5 टन है।
- गोल्डन कलर से पेंट कर लेमिनेट किया है।